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गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

वेलेंटाइन डे के बाद लड़कियों में कैंसर व बांझपन


वेलेंटाइन डे के बाद लड़कियों में कैंसर व बांझपन


सावधान- वेलेंटाइन डे के बाद लाखों लड़कियों में कैंसर व बांझपन पाया गया!



         पश्चिमी देशों में 14 फरवरी को युवक-युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं। यौन जीवन संबंधी परम्परागत नैतिक मूल्यों का त्याग करने वाले देशों की चारित्रिक सम्पदा नष्ट होने का मुख्य कारण ऐसे वेलेन्टाइन डे हैं जो लोगों को अनैतिक जीवन जीने को प्रोत्साहित करते हैं। इससे उन देशों का अधःपतन हुआ है। इससे जो समस्याएँ पैदा हुईं, उनको मिटाने के लिए वहाँ की सरकारों को स्कूलों में केवल संयम अभियानों पर करोड़ों डालर खर्च करने पर भी सफलता नहीं मिलती। अब यह कुप्रथा हमारे भारत में भी पैर जमा रही है। हमें अपने परम्परागत नैतिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए ऐसे वेलेन्टाइन डे का बहिष्कार करना चाहिए। इन सभी से बचने के लिए हिंदू संत आसाराम बापू ने एक नयी पहल की है- 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनाने की।


पिछले साल वेलेंटाइन डे से बर्बादी


           *Panchtatv.org पर लिखा है कि वेलेंटाइन डे के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टों के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है और टीवी पर ऐड आता है- सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटों के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा और बिना दिमाग की लड़कियां ऐसी गोलियां, जिनका न कम्पोजिशन पता होता है न कॉन्सेप्ट, बस निगल लेती हैं।*


       इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है जो 72 घंटों के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नहीं करता, बल्कि पूरा का पूरा fertility system ही करप्ट कर देता है!


      *शुरू में तो गोलियां खाकर सती-सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है- वे अब माँ नहीं बन सकतीं।*


       पिछले साल के डाटा अनुसार 43 लाख लड़कियों में बांझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया।


       तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नहीं; जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है।*


       सरकार हर साल मातृत्व-सुरक्षा, जननी सुरक्षा, 'बेटी बचाओ' जैसी योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक देती है।


       आज हालत ये है कि 13-14 साल की कुछ बच्चियांँ बैग में i-pill लेकर घूम रही हैं। ये ऐसी जहरीली चीज़ें valentine पर medical mafia भारतीय बाजारों में जानबूझकर उतारता है।*


       क्योंकि सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नहीं होता। पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं...फिर उसकी दवाई बेचकर अरबों रूपये कमाते हैं... जिसमें समाज नेता भी कमाई करते हैं... क्योंकि ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं।


      *बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी! इस valentine उसके पीछे और कोई ही नहीं बल्कि आप खुद सजग रहोगे, गलत देखने पर विरोध करोगे।*

      *समय है- वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाली घटिया मानसिकता का त्याग कर अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का।*

      *या फिर अगर चाहते हो- आपकी बेटियां जमके अय्याशी करें और बाद में कैंसर, बांझपन की वजह से मर जाएं और आपका बोझ हल्का हो...


       समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नहीं, समस्या होती है, जो दवाइयां बेचकर विदेशी कम्पनियां हर साल हमारे देश का अरबों रुपया लुट लेती हैं उससे है।



वेलेंटाइन डे नहीं मातृ-पितृ पूजन दिवस


      *इस वेलेंटाइन डे को रोकने के लिए 'संत आशाराम' बापू ने बताया कि तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो। प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें।*


       मेरे प्यारे युवक-युवतियों भाईयों- बहनो और उनके माता-पिता! आप भारतवासी हैं। दूरदृष्टि के धनी ऋषि-मुनियों की संतान हैं। प्रेमदिवस (वेलेन्टाइन डे) के नाम पर बच्चों, युवान-युवतियों के ओज-तेज का नाश होता है , ऐसे दिवस का त्याग करके माता-पिता आपकी संतानों का नाश होने से बचाएँ! संतानों को सत्कर्म करने में लगाएं ताकि उनका उद्धार हो सके वह पाश्चात्य संस्कारों से मुक्त होकर, अपने अच्छे बुरे का  ध्यान कर सके साथ ही जीवन  के सुंदर रसों का पान करें!


*मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। बालिकादेवो भव। कन्यादेवो भव। पुत्रदेवो भव।*


*माता पिता का पूजन करने से काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा।*🙏🏻


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