*भारतीय इतिहास के 2 सबसे बड़े गद्दार राजा कौन थे जिनकी वजह से भारत मुगलों का गुलाम बन गया?*
भारतीय इतिहास के दो गद्दार राजा ऐसे रहे थे जिनकी वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी और भारत में मुस्लिम साम्राज्य राज करता हुआ नजर आया है। आज हम आपको इन्हीं दो गद्दारों के बारे में बताने वाले हैं जिनकी वजह से भारत में मुस्लिम शासक और इस्लामिक आक्रमणकारियों की एंट्री हो पाई। जयचन्द्र, राघव चेतन दो गद्दार हैं जिनको कि भारत इतिहास का सबसे बड़ा गद्दार बोला जाता है। पहला नाम जयचन्द्र है जिसकी वजह से पृथ्वीराज चौहान को मोहम्मद गौरी के साथ युद्ध में हार का सामना करना पड़ा था और मोहम्मद गौरी अपने कई सारे प्रयत्नों के बाद जयचन्द्र की गद्दारी से भारत में एंट्री ले पाया था।
जयचन्द्र
आइए आज हम आपको सबसे पहले जयचन्द्र्र के बारे में बताते हैं।
भारतीय इतिहास के पन्नों में राजा पृथ्वीराज चौहान का नाम काफी स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है पृथ्वीराज चौहान के साथ जयचन्द्र ने गद्दारी की थी और उसी गद्दारी के द्वारा गौरी युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हरा पाया था युद्ध जीतने के बाद गौरी ने राजा जयचन्द्र को भी मार दिया था और उसके बाद गौरी ने कन्नौज और दिल्ली समेत कई राज्यों पर कब्जा कर लिया था। पृथ्वीराज चौहान के होते हुए मोहम्मद गौरी कभी भी भारत में प्रवेश नहीं कर सकता था यह बात मोहम्मद गोरी अच्छी तरीके से जानता था।
जयचन्द्र दिल्ली की सत्ता के लालच में मोहम्मद गौरी का साथ दिया और युद्ध में गौरी को अपनी सेना देकर पृथ्वीराज को हरा दिया। मोहम्मद गौरी के पास जो सेना थी वह पृथ्वीराज को हराने के लिए काफी नहीं थी। जयचन्द्र ने अपनी सेना मोहम्मद गौरी को दे दी थी और तब गौरी ने पृथ्वीराज को युद्ध में हरा दिया था और उनको मार दिया था।इसके बाद मोहम्मद गौरी ने जयचन्द्र की हत्या कर दी थी और कन्नौज में और दिल्ली जैसे राज्यों पर कब्जा कर लिया था लेकिन मोहम्मद गौरी अगर भारत में घुस पाया है तो उसके पीछे जयचन्द्र का सबसे बड़ा हाथ है और यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा गद्दार बोला जा सकता है।
जयचन्द्र कन्नौज साम्राज्य का राजा था। पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता से शादी की थी और इसलिए पृथ्वीराज चौहान, जयचन्द्र के दामाद बन चुके थे। मोहम्मद गौरी को तराइन के प्रथम युद्ध में हार का सामना करना पड़ा था और इस हार को मोहम्मद गोरी भूल नहीं पा रहा था। जब राजा जयचन्द्र को पता लगा कि गौरी पृथ्वीराज चौहान से बदला लेना चाहता है तो उसने खुद मोहम्मद गोरी तो कि संदेश पहुंचाया था कि वह अपनी सेना के द्वारा मोहम्मद गोरी की मदद करना चाहता है ताकि गौरी पृथ्वीराज को हरा दे। पृथ्वीराज और गौरी के बीच में तराइन के क्षेत्र में युद्ध हुआ था। पृथ्वीराज की ओर से 3 लाख सैनिकों ने इस युद्ध में भाग लिया था। गौरी के पास एक लाख के करीब सैनिक थे लेकिन पृथ्वीराज की सेना ने जब गौरी का साथ दिया तो उस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान हार गया और मोहम्मद गौरी ने दिल्ली, कन्नौज, अजमेर, पंजाब के अधिकतर क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। इसलिए जयचन्द्र को भारत देश का सबसे बड़ा गद्दार बोला जा सकता है।
राघव चेतन
दूसरागद्दार राघव चेतन है।मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पद्मावत में राघव चेतन तांत्रिक के रूप में जाना जाता है।राघव चतन ने ही खिलजी के सामने पद्मावती के रूप का बखान किया था। इसी ने खिलजी को बताया था कि इस महल मे किस तरह से सोने से भरे मंदिर है, भारी संपद है। राघव चेतन की वजह से ही हजारों रानियां चिता मे तब्दील हो गयी थी। राघव चेतन को भारत का दूसरा सबसे बड़ा गद्दार माना जाता है।
इतिहास गवाह है,बिना गद्दारों के कोई भी दुश्मन किसी देश पर राज नही कर सकता।आज जो भारत की स्थिति है वो भी आज हमारे देश के गद्दारों के कारण है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिये, सत्ता के लिये दुश्मन देशों और मुगलोँ के हाथों अपने को बेच रखा है, परन्तु वो ये नही जानते कि जिस दिन इन सबके दुश्मन देशों और मुगलोँ मकसद पूरे हो जायेगे उस दिन इन सभी गद्दारों का भी वही हाल होगा जो जयचंद ,और राघव का किया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें