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बुधवार, 30 मार्च 2022

हजारो साल पुराना इतिहास : विभिन्न जाति भेद षडयंत्र

2  अप्रैल*नववर्ष की अनंत शुभकामनाए 2079*                                    चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं। 


*सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से ।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।


सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?*


महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।


*विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।


*भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।


*श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे, 


उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा हल साथ रखते थे।


*यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्रीकृषण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।


*राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।


उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।


तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।


*वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।


प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* । 


नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।


उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।


फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।


केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का  रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।


फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम शासन रहा।


अंत में *मराठों* का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को मालवा का राजा बनाया।


*अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये। 


*मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।


यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।


*मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।


*1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया। 


अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब "कास्ट ऑफ़ माइंड"* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।


इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*,  *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।


*योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत  हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।


इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।


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