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बुधवार, 20 अक्टूबर 2021

विजय दशमी,महत्व,पूजा

 *विजय दशमी पर प्रत्येक हिंदू को शस्त्र पूजा करनी है! और अपनी तस्वीर सोशियल मीडिया पर पोस्ट करनी है! ये शस्त्र सूक्तियां आज ध्यान में ले लें!*


*शस्त्र निष्क्रिय होते हुए भी, सक्रिय होता है! यानि अगर वो कहीं किसी आलमारी में पड़ा पड़ा जंग खा रहा हो, तो भी अपना काम करता रहता है! उसकी हयाती ही शत्रुओं के बूरे और कुत्सित विचारों को नष्ट करने के लिए परयाप्त होती है!*


*विश्व में अशांति इसलिए है, कि सज्जनों ने शस्त्रों का त्याग कर दिया है, और दुर्जन सदैव की तरह शस्त्रों से लैस हैं! यही कारण है, कि दुर्जन हावी हैं, और धरती पर अनाचार फैलता जा रहा है!*


*विश्व को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है - एक जिनके पास शस्त्र होता है, और दूसरा जिनके पास शस्त्र नहीं होता है!*


*जिनके पास शस्त्र होता है, वो सदैव निडर और वीर बने रहते हैं! और जिनके पास शस्त्र नहीं होते हैं, और वो सदैव भयभीत होते हैं और कायर पुरुष बने रहते हैं!*


*जिस घर में अस्त्र-शस्त्र होते हैं, उस घर की स्त्रियों पर कभी किसी की कुदृष्टि डालने की हिम्मत भी नहीं होती है, और जिनके घर में अस्त्र-शस्त्र नहीं होते हैं, उनकी स्त्रियों के साथ, राह चलते छेड़खानी होती है, लव जिहाद जैसी घटनाएं होती हैं, और वो सदैव थाने के चक्कर ही लगाते रह जाते हैं! उन्हें बदनामी के सिवाय कभी कुछ हासिल नहीं होता है!*


*सत्यमेव जयते... यानी सत्य का ही विजय होता है! इस तरह की सूक्तियों के भरोसे बैठने से कोई लाभ नहीं है! सत्य तो हिंदुओं के साथ ही है! फिर उनका पलायन क्यों हो रहा है?* 


*सत्य तो युद्धिष्ठिर के साथ था, लेकिन फिर भी वन वन भटकते रहे! जब युद्धिष्ठिर ने शस्त्र उठाया, तभी सत्यमेव जयते हुआ!*


*इसीलिए अब कहावतें बदल गई हैं! ये कलियुग है, और कलियुग में सदैव शस्त्र मेव जयते होता है! यानी जिसके पास शस्त्र होगा, उसी का विजय होगा! इसलिए शस्त्र को अपनाओ! अपने पास शस्त्र सदैव रखो!*


*ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से भी ध्यान दें! शस्त्र का अर्थ है मंगल ग्रह! अगर आपके पास शस्त्र है, तो आपका मंगल मजबूत है! और अगर आपका मंगल मजबूत है, तो आप शत्रुओं पर सदैव विजय प्राप्त करते रहेंगे! इसलिए अपनी भुजाओं को शस्त्रों से बलवान करें!*


*एक बार अपने हाथ में शस्त्र लेकर देखो! तब आपको ये अनुभव होगा, कि देशद्रोही शत्रु चींटियों के समान हैं! शस्त्र का होना ही  आत्मविश्वास वर्धक महान मानसिक औषधि है! इसका नित्य सेवन करते रहो!*


*राष्ट्र के शत्रुओं की संख्या गिनकर चिंता में मत पड़ो! चिंता सदैव इस बात की करो, कि तुम्हारे पास कितने अस्त्र आधुनिक और भयंकर शस्त्र है!*


*सदैव सुनिश्चित करो, कि तुम्हारे अस्त्र-शस्त्रों की संख्या तुम्हारे शत्रुओं की संख्या से अधिक तथा तीव्र और शक्तिशाली हो!*

 

*जैसा को तैसा उत्तर देना सीखो! शिकायत मत करो! शिकायत लेकर किसके पास जा रहे हो? ये संविधान, कानून, प्रशासन और व्यवस्था केवल उनके लिए है, जो शक्तिशाली हैं!*


*कायर लोगों का साथ तो भगवान भी नहीं देता! कायर लोग केवल शिकायत करते रह जाते हैंं!*


*इतने दिनों में आपको ये अवश्य अनुभव हुआ होगा, कि प्रशासन भी सदैव अत्याचार करने वाले शक्तिशालियों का साथ ही देता है!*


*अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी स्वयं लो! कोई सेना, कोई सरकार तुमको बचाने नहीं आएगी! जब तुम पर संकट आएगा, तो उस समय तुम, और केवल तुमको ही उसका सामना करना होगा! तुम्हारे सिवाय कोई तुम्हारी प्राण रक्षा नहीं कर सकेगा!*


*इसीलिए, नियमानुसार शस्त्रों का संचय करो! सदैव पराक्रमी बनो! सज्जन बनो, लेकिन कायर नहीं! शस्त्र धारण करके, सज्जन बनो! तभी तुम्हारी सज्जनता सुशोभित होगी!*


*इस सूक्ति का नित्य पठन करते रहें - “कोई सिंह को, वन के राजा के रूप में अभिषेक या संस्कार नहीं करता है! अपने पराक्रम के बल पर, सिंह स्वयं जंगल का राजा बन जाता है!”*



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