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रविवार, 11 जुलाई 2021

_प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र


 *_प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह_*


 *_🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹_*

_कराग्रे वसते लक्ष्मी_

_करमध्ये सरस्वती।_

_करमूले तू गोविन्दः_

_प्रभाते करदर्शनम्॥_

        

 *_🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸_*

_समुद्र वसने देवी_

_पर्वत स्तन मंडिते।_

_विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं_

_पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥_


*_🔺त्रिदेव सह नवग्रह स्मरण🔺_*


_ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी_

_भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।_

_गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥_

            

  *_♥️ स्नान मन्त्र ♥️_*


_गंगे च यमुने चैव_

_गोदावरी सरस्वती।_

_नर्मदे सिन्धु कावेरी_

_जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥_

           

*_🌞 सूर्यनमस्कार🌞_*

_ॐ_

_सूर्य आत्माजगतस्तस्य_

_उषश्च आदित्यस्य नमस्कारं_

_ये कुर्वन्ति दिने दिने।_

_दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि_

_शोक विनाशनम्_

_सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥_


_ॐ मित्राय नम:_

_ॐ रवये नम:_

_ॐ सूर्याय नम:_

_ॐ भानवे नम:_

_ॐ खगाय नम:_

_ॐ पूष्णे नम:_

_ॐ हिरण्यगर्भाय नम:_

_ॐ मरीचये नम:_

_ॐ आदित्याय नम:_

_ॐ सवित्रे नम:_

_ॐ अर्काय नम:_

_ॐ भास्कराय नम:_

_ॐ श्री सवितृरे_

 _ॐ श्री सूर्यनारायणाय नम:_


_आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।_

_दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥_

               

 *_🔥दीप दर्शन🔥_*


_शुभं करोति कल्याणम्_

_आरोग्यम् धनसंपदा।_

_शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥_


_दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।_

_दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥_

            

*_🌷 गणपति स्तोत्र 🌷_*


_गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।_

_द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥_

_विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।_

_द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥_

_विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।_


_विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।_

_लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥_

_नागाननाय श्रुतियज्ञ विभूषिताय।_

_गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥_


_शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।_

_प्रसन्नवदनं ध्यायेत्_

_सर्वविघ्नोपशान्तये॥_

        

*_⚡आदिशक्ति वंदना ⚡_*


_सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।_

_शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥_

           

*_🔴 शिव स्तुति 🔴_*


_कर्पूर गौरम करुणावतारं_

_संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।_

_सदा वसंतं हृदयार विन्दे_

_भवं भवानी सहितं नमामि॥_

              

*_🔵 विष्णु स्तुति 🔵_*


_शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं_

_विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।_

_लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्_

_वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥_

            

*_⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫_*


_कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।_

_नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥_

_सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।_

_गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥_


_मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।_

_यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥_

            

*_⚪ श्रीराम वंदना ⚪_*


_लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।_

_कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥_

              

 *_♦️श्रीरामाष्टक♦️_*


_हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।_

_गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥_

_हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।_

_बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥_

    

*_🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱_*

_आदौ रामतपोवनादि गमनं_

_हत्वा मृगं कांचनम्।_

_वैदेही हरणं जटायु मरणं_

_सुग्रीवसम्भाषणम्॥_

_बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।_

_पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥_

           

*_🍁सरस्वती वंदना🍁_*


_या कुन्देन्दुतुषारहारधवला_

_या शुभ्रवस्त्रावृता।_

_या वींणावरदण्डमण्डितकरा_

_या श्वेतपदमासना ॥_

_या ब्रह्माच्युत शङ्कर _प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।_

_सा माम पातु सरस्वती भगवती_

_निःशेषजाड्याऽपहा॥_

            

*_🔔हनुमान वंदना🔔_*


_अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।_

_दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।_

_सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।_

_रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥_


_मनोजवं मारुततुल्यवेगम_

_जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।_

_वातात्मजं वानरयूथमुख्यं_

_श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥_

         

*_🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹_*


_ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः_

_स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।_

_स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः_

_स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥_

           

 *_❄ शांति पाठ ❄_*


_ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।_

_पूर्णस्य पूर्णमादाय_ _पूर्णमेवावशिष्यते॥_


_ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,_

_पृथिवी शान्तिराप: शान्ति: रोषधय: शान्ति:।_

_वनस्पतय: शान्ति: विश्वे देवा: शान्तिः ब्रह्म शान्ति:_

_सर्व (गुँ ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥_


_॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥_


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